बुधवार, 17 अप्रैल 2013

खमोशी


चुप रहकर जो खुद को निहारा मैंने |
अपने भीतर ही सबको पा लिया मैंने |
ढूंडती फिर रही थी जिसे मैं दर - बदर |
अहसास से ही उसको तराश लिया मैंने |

10 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

umda Rachna

Manohar Chamoli ने कहा…

अहसास से ही उसको तराश लिया मैंने |..... बेहतरीन अभिव्यक्ति,,,

Minakshi Pant ने कहा…

thanx a lot friends .

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

chuppi sabse behtar...

tbsingh ने कहा…

bahut sunder rachana

बेनामी ने कहा…

बहुत बढ़िया लिखा है आपने,
आप हमारे फोरम पर भी आमंत्रित है, आपका इंतज़ार रहेगा !
आशा करता हूँ कि जल्दी ही आपसे फोरम पर मुलाकात होगी ! :)

Ladies Mantra Forum

Dr. Shorya ने कहा…

वाह , बहुत सुंदर





Darshan jangra ने कहा…

बेहतरीन अभिव्यक्ति,,,

बेनामी ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना

बेनामी ने कहा…

Bahut hi Khoob !

Noor Mahal