गुरुवार, 23 दिसंबर 2010
द्रिड निश्चय
" द्रिड निश्चय वाले मन को तथा .............
नीचे की और बहने वाली नदी.............
को रोक पाना बहुत कठिन है " !
स्वभाव
" स्वभाव कच्ची मिटटी की भांति होता है ,
जिसकी कोई शक्ल नहीं होती ,
इसे आकृति देने की आवश्कता होती है !
सोच
"दुनिया क्या कहेगी "?
सोचना भी कमजोरी है ,
तुम्हें खुद जो अच्छा जान पड़ता है वही करो !
जीवन का रहस्य भी यही है !
विचार
संसार मै न तो कोई शत्रु है न कोई मित्र !
उनके प्रति हमारे विचार मित्र और शत्रु का अंतर करते हैं !
इच्छा
इच्छा से दुख आता है !
दुख से भय आता है !
जो इच्छाओं से मुक्त है !
उसे न दुख न जानता है और न ही भय !
चरित्रवान बनो
चरित्रवान बनो , संसार स्वयं तुम पर मुग्ध होगी ! फूल खिलने दोगे तो मधुमंखियाँ स्वतः ही चली आएँगी!
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