मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012


दिए कि लौ को जलाने के लिए , हवाओं को साथ होना होगा |
हाले दिल सुनाने के लिए , किसी अपने को साथ लाना होगा |
करे कोई शिकवा किसी से हज़ार , पर हमें न कोई गिला होगा |
राह में कितने भी कांटे रहे , जीवन को हंसके ही निभाना होगा |

सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

सिर्फ चाह


जहाँ दर्द का आभास है , खुशी मिलती वही बेशुमार है |
दिन के खत्म हो जाने के बाद ही , रात का इंतज़ार है |
चलना पडेगा कठिन राह में , गर मंजिल कि तलाश है |
और काँटों कि चुभन के बाद ही , मिल सकता गुलाब है |