दिए कि लौ को जलाने के लिए , हवाओं को साथ होना होगा | हाले दिल सुनाने के लिए , किसी अपने को साथ लाना होगा | करे कोई शिकवा किसी से हज़ार , पर हमें न कोई गिला होगा | राह में कितने भी कांटे रहे , जीवन को हंसके ही निभाना होगा |
जहाँ दर्द का आभास है , खुशी मिलती वही बेशुमार है | दिन के खत्म हो जाने के बाद ही , रात का इंतज़ार है | चलना पडेगा कठिन राह में , गर मंजिल कि तलाश है | और काँटों कि चुभन के बाद ही , मिल सकता गुलाब है |