सोमवार, 31 जनवरी 2011

सुविचार



ओरों के लिए जो जीता है !
                     ओरों के लिए जो मरता है !
उसका हर आंसू रामायण ,
                   और हर कर्म  एक गीता है !

6 टिप्‍पणियां:

मनोज कुमार ने कहा…

उत्तम विचार।

Dr Varsha Singh ने कहा…

सुंदर भावाभिव्यक्ति.....

Learn By Watch ने कहा…

मैंने आपके ब्लॉग को "अपना ब्लॉग" में सम्मिलित कर रहा था तो पाया कि आपके ब्लॉग की फीड सही कार्य नहीं कर रही है, इसको ठीक करें जिससे आपके ब्लॉग को "अपना ब्लॉग" में सम्मिलित किया जा सके|

अपने ब्लॉग की फीड को ठीक करने के लिए यह लिंक देखें

Bharat Bhushan ने कहा…

सुंदर भावाभिव्यक्ति. आभार.

Mukesh ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति
कर्तव्यबोध का काव्य रामायण
पथ-प्रदर्शिका श्रीमद्भगवद्गीता।
शोभनम्
उत्कृष्ट

देवेंद्र ने कहा…

....पर दुःख दुःखी सन्त सुपुनीता । सुन्दर पंक्तियों व भाव हेतु साधुवाद ।