शनिवार, 14 अप्रैल 2012

हंसना ही जिन्दगी


पल - पल हमसे सवाल करती है जिन्दगी |
पूछती है कैसे हो और कैसी कट रही है जिन्दगी |
हम भी मुस्कुरा के हर बार उसको ये जवाब देते हैं |
लाख सितम सही फिर भी हंस के कट रही है जिन्दगी |

8 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ... जिंदगी के सवाल जिंदगी से ...

JIGNESH N PANDYA ने कहा…

bahu saras medamji

mridula pradhan ने कहा…

bahot achche.....

Anupama Tripathi ने कहा…

वाह बहुत सुंदर जज्बा ...!!
शुभकामनायें ....!!

Satish Saxena ने कहा…

ईश्वर करे हँसते रहें ....

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

Noopur ने कहा…

full of emotions....good work...

http://apparitionofmine.blogspot.in/

Alpana Verma ने कहा…

bas yehi jazbaa rahna chaheeye...sundar kavita.