मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012
दिए कि लौ को जलाने के लिए , हवाओं को साथ होना होगा |
हाले दिल सुनाने के लिए , किसी अपने को साथ लाना होगा |
करे कोई शिकवा किसी से हज़ार , पर हमें न कोई गिला होगा |
राह में कितने भी कांटे रहे , जीवन को हंसके ही निभाना होगा |
2 टिप्पणियां:
mridula pradhan
ने कहा…
prerna deti sunder pangtiyan......
15 फ़रवरी 2012 को 5:17 am बजे
Minakshi Pant
ने कहा…
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया मृदुला जी |
16 फ़रवरी 2012 को 8:18 pm बजे
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2 टिप्पणियां:
prerna deti sunder pangtiyan......
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया मृदुला जी |
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