गुरुवार, 23 दिसंबर 2010
इच्छा
इच्छा से दुख आता है !
दुख से भय आता है !
जो इच्छाओं से मुक्त है !
उसे न दुख न जानता है और न ही भय !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें